दीवाली क्यो मनाई जाती है
नमस्कार दोस्तो आज के ब्लॉग में हम चर्चा करने वाले है कि दीवाली क्यो मनाई जाती है? चलिये हम आपको रूबरू कराते है कुछ ऐसे परम्पराओं से जिनके बजह से भारत मे दीवाली मनाई जाती है हालांकि इसमें बहुत सारे मतभेद है।
1 ऐसा कहा जाता जब भगवान राम ने रावण को मारकर अयोध्या वापस लौटे सीता माता और लक्ष्मण के साथ। तब सारे अयोध्यावासी उनकी आने की खुशी में पूरे अयोध्या में दीपमहोत्सव का आयोजन किया गया और घर घर दीप जलाया गया। और इसी के चलते तबसे हम भारतवासी दीवाली का त्योहार मनाते हैं।
2 पौरणिक कथाओं के अनुसार एक कथन ये भी है की इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का बढ़ किया था नरकासुर उस समय का राज्य प्राग्ज्योतिषपुर जो कि आज दक्षिण नेपाल का एक प्रान्त है वहा का राजा था। कहा जाता है नरकासुर वहुत ही अत्याचार कर रहा था वह देवमाता अदिति के शानदार बालियों को भी छीन लिया था और कहा जाता है देवमाता अदिति श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा जी की रिश्तेदार थी नरकासुर ने कई देवता कन्या को बांध कर रखा था उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की मदद से सत्यभामा जी ने नरकासुर की लीला समाप्त कर दी । और तब लोगो ने दीप प्रज्वलित करके दीवाली मनाया।
3 पांडवों को अपने राज्य में वापस लौट आने की खुशी लोगों ने दीप जलाकर पूरे राज्य में दीप प्रज्वलित किया। जैसा कि आप लोगों ने सुना और देखा ही होगा कि महाभारत में गांधारी के भाई और दुर्योधन के मामा शकुनि को पासे के खेल में महारत हासिल था शकुनि ने एक चाल के तहत पासे के खेल में पांडवों से सब छीन लिया था। और कहा जाता तब पांडवों को 13 बर्ष का बनवास हो गया था और पांडव जब 13 बर्ष के बाद कार्तिक अमावस्या के दिन अपने राज्य लौटे थे तो उनकी आने की खुशी में प्रजा ने दीप जलाये जिसे हम अब दीवाली के रूप में मनाते है।
4 वही कुछ मान्यताओं में यह भी कहा जाता है कि जब समुन्द्र मंथन हो रहा था तो कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी इसलिए दीवाली के दिन माता लक्ष्मी का जन्मदिन मनाया जाता है और इसी उपलक्ष्य में दीप जलाया जाता है और माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
देखा जाए तो बहुत सारी मान्यतायें दी गयी है दीवाली मनाने के लिए लेकिन जो सबसे ठोस कारण है भगवान राम का अयोध्या आना उनकी खुशी में दीप जलाना।
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